इन सूखे हुए लबों पर कई अनकही बारिशें हैं.. तुम छू लेना इन्हें और बादलों में रिहा कर देना..
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काश एक ख़्वाहिश
काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर, तुम आ कर गले लगा लो मुझे, मेरी इज़ाज़त के बगैर….!!
आलमारी मैं बंद रखा जाता है
आलमारी मैं बंद रखा जाता है कभी पहना नहीं जाता हाल अपना भी अब बेवा के जेवर जैंसा हो गया है|
नजरे छुपाकर क्या मिलेगा…
नजरे छुपाकर क्या मिलेगा… नजरे मिलाओ,शायद हम मिल जाये
तुमने जो दिल को
तुमने जो दिल को छुना छोड़ दिया, लफ्जों ने खूबसूरत होना छोड़ दिया..
काश एक ख़्वाहिश
काश एक ख़्वाहिश पूरी हो इबादत के बगैर, तुम आ कर गले लगा लो मुझे, मेरी इज़ाज़त के बगैर….!!
आज फिर कुछ लोगों को
आज फिर कुछ लोगों को बेगाना किया जायेगा, आज फिर से मेरे दुश्मनो में इज़ाफ़ा होगा
दर्द बनकर ही
दर्द बनकर ही रह जाओ हमारे साथ … सुना है दर्द बहुत वक़्त तक साथ रहता है।
एक रस्म मोहब्बत में
एक रस्म मोहब्बत में बनानी होगी, छोड़ के जाए कोई भी शौक से, मगर वज़ह एक दूसरे को बतानी होगी !
सारी रात गुज़र जाती है
सारी रात गुज़र जाती है इन्ही हिसाबों में… उसे मोहब्बत थी…? नहीं थी…? है…? नहीं है…