लाख कसमें ले लो

लाख कसमें ले लो किसीसे, छोड़ने वाले छोड़ ही जाते है !!

सीख कर गयी है

सीख कर गयी है वो मोहब्बत मुझसे जिससे भी करेगी बेमिसाल करेगी..!!

मेरे होंठों पे

मेरे होंठों पे दिखावे का तबस्सुम है मगर मेरी आंखों में उदासी के दिए जलते हैं|

मेरी फ़ितरत कि

मेरी फ़ितरत कि मैं खिल जाता हूँ बे-मौसम भी मेरी आदत कि मैं मजबूर नहीं हो सकता !

मुझे महका कर

मुझे महका कर गुजर गया.. वो झोंका जो तुझे छूकर आया था..

सबकी अपनी अपनी परेशानियाँ है

सबकी अपनी अपनी परेशानियाँ है जनाब, वरना,मेरी तरह शायरियों में कौन अपना वक़्त बर्बाद करता है..!!

तू बिल्कुल चिलम सी

तू बिल्कुल चिलम सी कड़क और मैं बिल्कुल धुँआ धुँआ सा…

जब से उसने बारिश में

जब से उसने बारिश में भीगना छोड़ दिया, बादलों ने मेरे शहर में बरसना छोड़ दिया।

आरजू है कि एक बस तू

आरजू है कि एक बस तू हो या तेरा अहसास हो… गर दोनो ना हो तो ना मै रहूँ ना मेरा अहसास हो..

इंसान बनने की फुर्सत

इंसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती, आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…

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