इन्सान मार दिया जाता है तो कोई कुछ नहीं बोलता जानवर काट दिया तो दंगे भड़का देते है |
Tag: Pyari Shayari
रोज़ आते है
रोज़ आते है बादल अब्र ए रहेमत लेकर मेरे शहर के आमाल उन्हे बरसने नही देते|
ज़ायके सैंकड़ों मौजूद थे
ज़ायके सैंकड़ों मौजूद थे लेकिन हम ने !! हिज्र का रोज़ा तेरी याद से इफ़्तार किया !!
चल आ तेरे पैरो पर
चल आ तेरे पैरो पर मरहम लगा दूं ऐ मुक़द्दर. कुछ चोटे तुझे भी तो आई ही होगी, मेरे सपनो को ठोकर मारते मारते !
न जाने किसने
न जाने किसने, पढ़ी है मेरे हक़ में दुआ… आज तबियत में जरा आराम सा है…
तू जादू हैं
तू जादू हैं तो कोई शक नहीं हैं मै पागल हूँ तो होना चाहिए था.!
एक तू और एक वक्त
एक तू और एक वक्त, अफ़सोस की दोनों ही बदल गए
हमको अब उनका…
हमको अब उनका…. वास्ता ना दीजिए …. हमारा अब उनसे…. वास्ता नहीं…
जाता हुआ मौसम लौटकर
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है. …. काश वो भी कोशिश करके देखे…!!
बस ये कहकर
बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने..कि जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता..!!