खामोश सा माहौल

खामोश सा माहौल और बेचैन सी करवट है ना आँख लग रही है और ना रात कट रही है …. !!

डूब सी गई है

डूब सी गई है गुनाहो में मेरी जिंदगी या रब कर दे रहमत मुझ पे भी … कही गुनहगार ही ना मर जाऊ ।

हमारी साबुत रहे…

ताकि ज़िन्दगी हमारी साबुत रहे… सरहदों से आते ताबूत रहे !!!

ज़माने पर भरोसा

ज़माने पर भरोसा करने वालों..भरोसे का ज़माना जा रहा है..!

गुलों का छोड़ कर

गुलों का छोड़ कर दामन ये क्यूँ बैठी है काँटों पे, ये तितली तो बहुत ही दिलजली मालूम होती है…

सब कुछ तो

सब कुछ तो है क्या ढूँढती रहती हैं निगाहें, क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यूँ नहीं जाता…

इस अजनबी दुनिया में

इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं, सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं, आँख से देखोगे तो खुश पाओगे, दिल से पूछोगे तो दर्द की सैलाब हूँ मैं…….

ऐ ज़िन्दगी तू

ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा, जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी…

बड़ा फर्क है

बड़ा फर्क है तेरी और मेरी मोहब्बत में…तू परखता रहा और हमने ज़िंदगी यकीन में गुजार दी…!!

इश्क तीली सा

इश्क तीली सा बस सुलगाता है इंसा चिरागों सा जलता रहता है|

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