मुझे यक़ीन है

मुझे यक़ीन है मोहब्बत इसी को कहते हैं, के ज़ख्म ताज़ा रहे और निशाँ चला जाये …!!!

मुद्दतों बाद आज

मुद्दतों बाद आज फिर परेशान हुआ है दिल…!! जाने किस हाल में होगा मुझसे रूठने वाला…!!

यही तय जानकर

यही तय जानकर कूदो, उसूलों की लड़ाई में, कि रातें कुछ न बोलेंगी, चरागों की सफाई में…

बताओ और क्या

बताओ और क्या तब्दील करूं मैं खुद को… कशमकश को कश में बदल दिया मैंने…

तुम हिदायत से

तुम हिदायत से अदावत से शिकायत से सही कम से कम हमसे ताल्लुक़ात रखे रहते हो !

इश्क़ हो जायेगा

इश्क़ हो जायेगा मेरे दास्ताँ ए इश्क़ से, रात भर जागा करोगे इस कहानी के लिए।

हर दिन नया है

हर दिन नया है हर रात निराली है माँ बाप का प्यार पा लो तो हर रोज दिवाली है…..

‎रात‬ भर ‪तारीफ‬

‎रात‬ भर ‪तारीफ‬ करता रहा तेरी ‎चाँद‬ से.. चाँद इतना ‪‎जला‬ कि ‪‎सुबह‬ तक ‪‎सूरज‬ हो गया..

मज़हब पता चला

मज़हब पता चला, जो मुसाफ़िर की लाश का चुपचाप आधी भीड़ अपने घरों को चली गई|

पता नहीं होश में

पता नहीं होश में हूँ या बेहोश हूँ मैं, पर बहोत सोच समझकर खामोश हूँ मैं !!

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