सोचा था तुझपे

सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिल में घर बनायेंगे…हमे क्या पता था दिल देकर भी हम बेघर रह जाएँगे.…

मोहब्बत की तलाश

मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो तुम अरे ओ पागल… मोहब्बत खुद तलाश करती है, जिसे बर्बाद करना हो…

ये सच है की

ये सच है की वो मेरी जिंदगी है, और ये भी तो सच है की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं !!

बुरा हो वक्त

बुरा हो वक्त तो सब आजमाने लगते हैं, बड़ो को छोटे भी आंखे दखाने लगते हैं, अमीर के घर भूल कर भी मत जाना, हर एक चीज की कीमत बताने लगते है।

दोस्ती और इश्क में

दोस्ती और इश्क में, क्या अंतर है बताकर चली गयी। जिसे मुहब्बत समझता रहा ,आज दोस्त बनाकर चली गयी।।

मोहब्बत की आजमाइश

मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा;किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..

तुम मुझे फरेब दो

तुम मुझे फरेब दो और मैं प्यार समझूं उसे अब इतना सादगी का ज़माना नहीं रहा…

काग़ज़ पे तो

काग़ज़ पे तो अदालत चलती है.. हमने तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर किये।

सोचता हुं तेरी तारीफ

सोचता हुं तेरी तारीफ में कुछ लिखुं ! फिर खयाल आया की कहीं पढने वाला भीतेरा दिवाना ना हो जाए…

दिल के मलबे में

दिल के मलबे में दबा पड़ा हूँ मैं… जिस्म के कमरे में भूकम्प आया था….

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