सोचता हुं तेरी तारीफ में कुछ लिखुं !
फिर खयाल आया
की कहीं पढने वाला भीतेरा दिवाना ना हो जाए…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सोचता हुं तेरी तारीफ में कुछ लिखुं !
फिर खयाल आया
की कहीं पढने वाला भीतेरा दिवाना ना हो जाए…