ये नया शहर तो है खूब बसाया तुमने…. क्यों पुराना हुआ वीरान जरा देख तो लो…
Tag: Pyar Shayari
तेरा साया भी
तेरा साया भी पड़ जाए रूह जी उठती है, सोच तेरे आने से मंजर क्या होगा|
जरा सा कतरा
जरा सा कतरा कहीं आज अगर उभरता है ‘ तो समन्दरों के ही लहजे में बात करता है !! सराफ़तों को यहाँ अहमियत नहीं मिलती !! किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कौन डरता है!!!!
कुछ बातों के मतलब हैं
कुछ बातों के मतलब हैं और कुछ मतलब की बातें जब से ये फर्क जाना, जिंदगी आसान बहुत हो गई |
अब क्या मुकाम आता है
देखिये अब क्या मुकाम आता है साहेब, सूखे पत्ते को इश्क हुआ है बहती हवा से..!!
इतना भी दर्द ना दे
इतना भी दर्द ना दे ऐ ज़िन्दगी ….. भरोसा ही किया था.. कोई कत्ल तो नही ..
इक तरफ़ आस के
इक तरफ़ आस के कुछ दिए जल उठे इक तरफ़ मन विदा गीत गाने को है प्रिय इस जन्म भी कुछ पता न चला प्यार आता है या सिर्फ़ जाने को है
अब ना मैं वो हूँ
अब ना मैं वो हूँ, न बाकी हैं जमाने मेरे…. फिर भी मशहूर हैं शहरों में फसाने मेरे…!
कई दिनों से
कुछ दिन तो तेरी यादें वापस ले ले.. ‘पगली’ मैं कई दिनों से सोया नहीं….!!
तुम संग हूँ
तुम संग हूँ तुम बिन सही तुम धड़कन हो तुम दर्द सही ……