मोहब्बत रूह में उतरा हुआ मौसम है ….. ताल्लुक कम करने से मोहब्बत कम नहीं होती….
Tag: Pyar Shayari
एक मैं हूँ
एक मैं हूँ कि समझा नहीं खुद को अब तक… एक दुनिया है कि ना जाने मुझे क्या-क्या समझ लेती है…!!
यह भी अन्दाज़ है
तेरी बात “ख़ामोशी” से मान लेना !! यह भी अन्दाज़ है, मेरी नाराज़गी का|
होता नहीं है
होता नहीं है कोई बुरे वक्त में शरीक, .. पत्ते भी भागते हैं खिजां में शजर से दूर.
वो वक्त मेरा नही था
वो वक्त मेरा नही था, इसका मतलब ये नही के वो इश्क नही था|
डूबे कितने रब जाने
डूबे कितने रब जाने,, पानी कितना दरिया जाने|
अपनी इन नशीली आंखो को
अपनी इन नशीली आंखो को जरा झुका दीजीए मोहतरमा.. मेरे मजहब मे नशा हराम है..
जहाँ कमरों में
जहाँ कमरों में क़ैद हो जाती है “जिंदगी”… लोग उसे शहर कहते हैं….!!
सजा देना हमें भी
सजा देना हमें भी आता है… पर तू तकलीफ से गुजरे यह हमें गवारा नहीं…!!!
मुआवजे की अर्जी
हमने भी मुआवजे की अर्जी डाली है दोस्तों, उनकी यादों की बारिश ने काफ़ी नुकसान पहुँचाया है !!…