मंजर भी बेनूर थे और फिजायें भी बेरंग थी , बस तुम याद आए और मौसम सुहाना हो गया..
Tag: Pyar Shayari
मोहब्बत का शौक
मिलने लगे है रोज वो हमसे अजनबी बनकर .. लगता है फिर से मोहब्बत का शौक चढा है…!!.
बिगाड़ देती हैं
नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं
सभाल लिया है
मन्जिले मुझे छोड़ गयी रास्तों ने सभाल लिया है..!! जा जिन्दगी तेरी जरूरत नहीं मुझे हादसों ने पाल लिया है.
कुछ तो जीते हैं
कुछ तो जीते हैं जन्नत की तमन्ना लेकर कुछ तमन्नायें जीना सिखा देती है हम किसके सहारे जीये ज़िन्दगी रोज एक तमन्ना बढा देती है।
लोग होठों पे
लोग होठों पे सजाये हुए फिरते हैं मुझे मेरी शोहरत किसी अखबार की मोहताज नहीं
खुदा की मोहब्बत
खुदा की मोहब्बत को फना कौन करेगा? सभी बन्दे नेक हो तो गुनाह कौन करेगा?
ये सरहदे कब हटेगी
ये रिवाजी पाबंदिया… ये सरहदे कब हटेगी… इंतज़ार है मुझे एक नई खुशनुमा सुबह का…
भरोसा करते है
हम जिन पर आँखे बन्द करके भरोसा करते है, अक्सर वही लोग हमारी आँखे खोल जाते है
अब कैसे हिसाब हो
उसकी मौहब्बत के कर्ज का, अब कैसे हिसाब हो…. वो गले लगाकर कहती है, आप बड़े खराब हो….