एहसास ए मोहब्बत

एहसास ए मोहब्बत क्या है ज़रा हमसे पूछो ? करवटें तुम बदलते हो नींद मेरी उड़ जाती है …

मुझे सम्भालने मे

मुझे सम्भालने मे इतनी अहेतीयात मत कर , मै बिखर न जाऊ कहीँ तेरी हिफाजत मे..

ग़ैरों से पूछता है

ग़ैरों से पूछता है तरीका निजात का… अपनों की साजिशों से परेशान ज़िन्दगी… !!

ऐ समन्दर मैं

ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं… वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनमें मैं समाता हूं…

कौन चाहता है

कौन चाहता है तेरी यादो से रिहा होना, ये तो वो कैद है जो जान से ज्यादा अज़ीज़ है |

तेरे बाद किसी को

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने, हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही…!

नज़र से नज़र मिलाकर

नज़र से नज़र मिलाकर तुम नज़र लगा गए… ये कैसी लगी नज़र की हम हर नज़र में आ गए!!

दिल को समझाने के बहाने

दिल को समझाने के बहाने बहुत हैं पर आंखों के आँसू को छुपाऊँ कहाँ ?

खुलासा तो कर दूँ

खुलासा तो कर दूँ ,अपनी मोहब्बत कामगर… मेरी ये संपत्ति,मेरी आय से अधिक है.!!!

मैं पसंद तो बहुत हूँ

मैं पसंद तो बहुत हूँ सबको,पर… जब उनको मेरी ज़रुरत होती तब..!!

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