ज़ायके सैंकड़ों मौजूद थे लेकिन हम ने !! हिज्र का रोज़ा तेरी याद से इफ़्तार किया !!
Tag: Nice Shayari
जीब लहजे में
जीब लहजे में पूछी थी खैरियत उसने…जवाब देने से पहले छलक गई आँखें मेरी…
दो आँखो में…
दो आँखो में…दो ही आँसू.. एक तेरे लिए, एक तेरी खातिर..!!
जिन की यादों से
जिन की यादों से रौशन हैं मेरी आँखें दिल कहता है उनको भी मैं याद आता हूँ
ज़ख़्मों के बावजूद
ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख…. तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया….!!
खुबसूरती से धोका ना खाईए
खुबसूरती से धोका ना खाईए साहब… तलवार कितनी भी खुबसूरत हो मांगती तो खून हि है…
बदनसीब मैं हूँ
बदनसीब मैं हूँ या तू हैं, ये तो वक़्त ही बतायेगा…बस इतना कहता हूँ,अब कभी लौट कर मत आना…
उनका इल्ज़ाम लगाने का
उनका इल्ज़ाम लगाने का अन्दाज़ गज़ब था… हमने खुद अपने ही ख़िलाफ,गवाही दे दी..
ये मुहब्बत की
ये मुहब्बत की तोहीन है… चाँद देखूँ तुम्हें देखकर…
चूम लेता है
चूम लेता है झूठे तमगे जीत के भी हार जाता है मौत तो कई दफा होती है जनाजा मगर एक बार जाता है|