टूटे दिल का काम

उस दुकान का पता दो जहा लिखा हो, ” साहिब ” टूटे दिल का काम तसल्ली-बक्श किया जाता हैं

तुम्हें खोने का डर

विश्वास कीसी पे इतना करो वो तुम्हें फंसाते समय खुद को दोषी समजे प्यार किसीसे इतना करो की उसके मन तुम्हें खोने का डर हमेशा बना रहे….

मेरा अरमान है

मेरी खाहिश,मेरा जज्बा, मेरा अरमान है तू मैं अधूरा हूँ तेरे बिन,, मेरी पहचान है तू……shab……e…..tanhai

हर अल्फ़ाज़ में

काश! मैं ऐसी शायरी लिखूँ तेरी याद में, तेरी शक्ल दिखाई दे हर अल्फ़ाज़ में.!

क्या लेना देना ।

सोचते हैं जान अपनी उसे मुफ्त ही दे दें , इतने मासूम खरीदार से क्या लेना देना ।

इस क़दर हैरां हुए

है नया कुछ भी नहीं क्यूं इस क़दर हैरां हुए, साथ चलने को तुम्हारे,अय मियाँ कोई नहीं

इरशाद होते होते

अर्थ लापता हैं या फिर शायद शब्द खो गए हैं, रह जाती है मेरी हर बात क्यूँ इरशाद होते होते….

जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं

जिनसे अक्सर रूठ जाते हैं हम असल में उन्ही से रिश्ते गहरे होते हैं…

सन्नाटा कहता है

गलियों की उदासी पूछती है, घर का सन्नाटा कहता है… इस शहर का हर रहने वाला क्यूँ दूसरे शहर में रहता है..!

इक मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है

हम-सफ़र चाहिए हुजूम नहीं.. इक मुसाफ़िर भी क़ाफ़िला है मुझे..

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