चोरी न करें,झूठ न बोलें तो क्या करें चूल्हे पे क्या उसूल पकाएंगे शाम को…
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मेरी झोली में
मेरी झोली में कुछ अल्फाज अपनी दुआओं के डाल दे ऐ दोस्त, क्या पता तेरे लब हिलें,और मेरी तक़दीर संवर जाये…!!!
लोगो ने कुछ दिया
लोगो ने कुछ दिया, तो सुनाया भी बहुत कुछ !! ऐ खुदा… एक तेरा ही दर है, जहा कभी ताना नहीं मिला ..
अजीब हैं इस दुनिया का
अजीब हैं इस दुनिया का दस्तूर… लोग इतनी जल्दी बात नहीं मानते, जितनी जल्दी बुरा मान जाते हैं..!
न जाने किसका
न जाने किसका मुक़द्दर संवरने वाला है वो किताब में एक चिट्ठी छुपा के निकली है|
वक़्त किसी का ग़ुलाम
लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है|
मैं चरागों की भला
मैं चरागों की भला कैसे हिफाज़त करता , वक़्त सूरज को भी हर रोज़ बुझा देता है..
तेरी खूबसूरती जैसे ….
तेरी खूबसूरती जैसे …. बारिश के बाद पत्तों पर ठहरा हुआ पानी …..
अंदाज़ अपना देखते है
अंदाज़ अपना देखते है आईने में वो और ये भी देखते है कोई देखता ना हो ..
मेरी उम्र का अंदाज़
मेरी उम्र का अंदाज़ मेरे तज़ुर्बे से लगाना, मैंने सावन कम देखे होंगे पर बारिशें खूब देखी है।