ये तो बड़ा मुझ पर अत्याचार

ये तो बड़ा मुझ पर अत्याचार हो गया .खामख्वाह मुझे तुझसे प्यार हो गया |.

मेरे लिए एहसास मायने रखता है

मेरे लिए एहसास मायने रखता है रिश्ते का नाम,चलो……तुम रख लो

तुझे चाहते हुए बहुत दूर

तुझे चाहते हुए बहुत दूर आ गये हमअब तेरी बारी है बता दे मेरी मंजिल कहां है..

उदास लम्हों की न कोई याद रखना

उदास लम्हों की न कोई याद रखना; तूफ़ान में भी वजूद अपना संभाल रखना; किसी की ज़िंदगी की ख़ुशी हो तुम; बस यही सोच तुम अपना ख्याल रखना।

वो सजदा ही क्या

वो सजदा ही क्या… जिसमे होश रहे सर उठाने का…

बुरी आदतें अगर वक़्त पे ना

बुरी आदतें अगर, वक़्त पे ना बदलीं जायें… तो वो आदतें, आपका वक़्त बदल देती हैं”…..

जब तक हम ये जान पाते हैं

जब तक हम ये जान पाते हैं कि ज़िन्दगी क्या है तब तक ये आधी ख़तम हो चुकी होती है.

माँ-बाप का घर बिका तो बेटी

माँ-बाप का घर बिका तो बेटी का घर बसा, कितनी नामुराद है ये रस्म दहेज़ भी !!

हमने कब कहा कीमत समझो

हमने कब कहा कीमत समझो तुम मेरी… , हमें बिकना ही होता तो यूँ तन्हा ना होते…. …… ……….

मेरी गली से गुजरा.. घर तक

मेरी गली से गुजरा.. घर तक नहीं आया, , , , अच्छा वक्त भी करीबी रिश्तेदार निकला… …… ………..

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