ताश के पत्तों में

ताश के पत्तों में दरबदर बदलते चले गए… इश्क़ में सिमटे तो ऐसे के बिखरते चले गए… यूँ तो दिल ने बसायी थी एक दुनिया उनके संग… रहने को जब भी निकले उजड़ते चले गए…

चल पडी है

चल पडी है मेरी दुआए असर करने को…. तुम बस मेरे होने की तैयारी कर लो…!!

किसी मोहब्बत वाले

किसी मोहब्बत वाले वकील से ताल्लुक हो तो बताना दोस्तों … मुझे अपना महबूब अपने नाम करवाना है..

गुमान न कर

गुमान न कर अपनी खुशनसीबी का.. नशीबी मे होगा तो तुझे भी इश्क होगा..

छूना गुनाह लगता है !!

प्यार मे वह पल बहुत खूबसूरत होता है जब देखना इबादत और छूना गुनाह लगता है !!

ना जाने कितनी बार

ना जाने कितनी बार अनचाहे किया है सौदा सच का, कभी जरुरत हालात की थी और कभी तकाज़ा वक़्त का|

नूर बना देता है

वक़्त बेनूर को नूर बना देता है, वक़्त फकिर को हुजूर बना देता है, वक़्त की कदर करो ऐ दोस्तो, क्योंकि वक़्त कोयले को भी कोहिनुर बना देता हैं ।

मिठास रिश्तों में

मिठास रिश्तों में बढ़ाएं तो कोई बात बने… मिठाईयां तो हर साल मीठी ही बनती है…

छोड़ दिया सबको

छोड़ दिया सबको बिना वजह तंग करना, जब कोई अपना समझता ही नहीं तो उसे अपनी याद क्या दिलाना !!

कब लोगों ने

कब लोगों ने अल्फ़ाज़ के पत्थर नहीं फेंके वो ख़त भी मगर मैंने जला कर नहीं फेंके ठहरे हुए पानी ने इशारा तो किया था कुछ सोच के खुद मैंने ही पत्थर नहीं फेंके इक तंज़ है कलियों का तबस्सुम भी मगर क्यों मैंने तो कभी फूल मसल कर नहीं फेंके वैसे तो इरादा नहीं… Continue reading कब लोगों ने

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