अनमोल चीज़ है

आग भी क्या अनमोल चीज़ है बातों से भी लग जाती है…

जींदगी गुज़र गई

जींदगी गुज़र गई सारी कांटो की कगार पर, और फुलो ने मचाई है भीड़ हमारी मजार पर|

छोड़ देते है

छोड़ देते है लोग रिश्तें बनाकर…. जो कभी ना छूटे वो साथ हूँ मैं|

दूर – दूर भगते फिरें

दूर – दूर भगते फिरें, जो हैं ख़ासम – ख़ास। सभी व्यंजनों की हुई, गायब आज मिठास।।

दर्द बहुत वफ़ादार होता है

दर्द बहुत वफ़ादार होता है… काश इसे देने वाले में भी ये बात होती…

हर एक शख़्स की

हर एक शख़्स की अपनी ही एक मंज़िल है, कोई किसी का यहाँ हम-सफ़र नहीं होता…

मय को मेरे

मय को मेरे सुरूर से हासिल सुरूर था, मैं था नशे में चूर नशा मुझ में चूर था…

रिश्ते संजोने के लिए

रिश्ते संजोने के लिए मैं झुकता रहा, और लोगों ने इसे मेरी औकात समझ लिया…

कुछ इस तरह लिपटा पड़ा है

कुछ इस तरह लिपटा पड़ा है; तेरा साया मुझसे, सवेरा है फ़िर भी,मैं अब तक रात के आग़ोश में गुम हूँ.

मेरी एक छोटी सी

मेरी एक छोटी सी बात मान लो, लंबा सफर है हाथ थाम लो…

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