परिन्दों की फ़ितरत से आए थे वो मेरे दिल में। ज़रा पंख निकल आए तो आशियाना छोड दिया॥
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तुम नाराज हो जाओ
तुम नाराज हो जाओ, रूठो या खफा हो जाओ, पर बात इतनी भी ना बिगाड़ो की जुदा हो जाओ|
पाँव लटका के
पाँव लटका के दुनिया की तरफ . . . . आओ बैठे किसी सितारे पर . . . .
ए जिन्दगी कभी
ए जिन्दगी कभी चैन से मेरे साथ बैठ… मैं आदमी बड़ा खुशमिजाज़ हूँ…
लाज़मी नहीं के
लाज़मी नहीं के तुझे आंखों से देखूं.. तेरी खुशबू तेरे दीदार से कम तो नहीं|
चुप तुम थे
चुप तुम थे चुप हम भी रहे ना जाने कैसे ये किस्सा आम हो गया…
हंसने पे भी
हंसने पे भी आ जाते हैं आँखों में आंसु कुछ लोग मुझे ऐसी दुआ दे कर गये हैं |
मेरी हर एक अदा में
मेरी हर एक अदा में छुपी थी मेरी तमन्ना, तुम ने महसुस ना की ये और बात है, मैने हर दम तेरे ही ख्वाब देखें, मुझे ताबीर ना मिली ये और बात है, मैने जब भी तुझ से बात करनी चाही, मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात है, कुदरत ने लिखा था मुझको तेरी… Continue reading मेरी हर एक अदा में
ग़ज़ब ख़ूबसूरत है
ग़ज़ब ख़ूबसूरत है, तुम्हारा हर अन्दाज़, इश्क़ में जलने का, मुहब्बत में जलाने का..!!
तेरे उतारे हुए
तेरे उतारे हुए दिन पहनके अब भी मैं, तेरी महक में कई रोज़ काट देता हूँ !!