कुछ दरमियाँ नहीं

कुछ दरमियाँ नहीं है गर तेरे मेरे तो ये बेचैनियाँ क्यूँ हैं? लौट आओ कि कुछ रिश्ते बेरुखी से भी नहीं टूटा करते|

मिलती है मौजूदगी

मिलती है मौजूदगी उस खुदा की उसको जिसने जर्रे जर्रे में ,क़तरे क़तरे में तलाशा है उसको ।

लफ़्ज़ों की गुजरिशो में

लफ़्ज़ों की गुजरिशो में ना उलझ मंज़र…. हर गुजारिश की आरज़ू जायज़ नही होती

मिलने को तो

मिलने को तो दुनिया में कई चेहरे मिले, पर तुम सी मोहब्बत तो हम खुद से भी न कर पाये !!

महफील भले ही

महफील भले ही प्यार करने वालो की हो, उसमे रौनक तो दिल टुटा हुआ शायर ही लाता है !!

कभी टूटा नहीं

कभी टूटा नहीं दिल से तेरी याद का रिश्ता, गुफ्तगू हो न हो ख्याल तेरा ही रहता है !!

बस एक शख्स

बस एक शख्स मेरे दिल की जिद है, ना उससे ज्यादा चाहिए ना कोई और चाहिए !!

मेरी तमाम उलझने

मेरी तमाम उलझने सुलझ जाती हैं…!जब तेरी उँगलियाँ मेरी उँगलियों में उलझ जाती हैं…!!

इंसान अगर ज्यादा मजबूत हो

इंसान अगर ज्यादा मजबूत हो जाये, तो रिश्ते कमजोर पड़ जाते है।

हमदर्दी ना करो

हमदर्दी ना करो, मुझसे ए मेरे हमदर्द यारो….. वो भी मेरे हमदर्द थे, जो दे गये दर्द हजारों…

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