सिर गिरे सजदे में

सिर गिरे सजदे में, दिल में दग़ा-बाज़ी हो.. ऐसे सजदों से भला, कैसे खुदा राज़ी हो!!!

बेशक तुम्हारे बिना

बेशक तुम्हारे बिना जिंदगी काट सकते हैं, लेकिन “जिंदगी जी नहीँ सकते !

सुकून देने के लिए बनते हैं..

कुछ रिश्ते सुकून देने के लिए बनते हैं.. कलम से भी हमारा कुछ ऐसा हीं रिश्ता है!!

वह समझते मेरी उल्फत

वह समझते मेरी उल्फत, ये नसीब नहीं थे मेरे मेरी चाहतें तरसती रही, मेरे उजले नसीब को|

पता है जिसको

पता है जिसको मुस्तकबिल हमारा  वो अपने आज से अनजान क्यूँ है|

धुप में रहने वाले

धुप में रहने वाले जल्दी निखर जाते है, छाया में रहने वाले जल्दी बिखर जाते है !!

क्या लाजवाब था

क्या लाजवाब था तेरा छोड़ के जाना, भरी भरी आँखों से मुस्कुराये थे हम|

फ़साना ये मुहब्बत का

फ़साना ये मुहब्बत का है अहसासों पे लिख जाना…. छलकते जाम चाहत के मेरी प्यासों पे लिख जाना…

बड़ा बाजार है

बड़ा बाजार है ये दुनियां, सौदा संभल के कीजिये, मतलब के लिफाफे में बेसुमार दिल मिलते है …….!!

इश्क है तो इश्क का

इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये…. आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिये…

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