ऐ किराये के कातिलों

ऐ किराये के कातिलों बताओ कितनी रकम लगेगी , मुझे इश्क का सर कलम चाहिए।।।

तुझे भुलाने को

तुझे भुलाने को एक पल चाहिए.. वो पल जिसे मौत कहते हैं लोग….

अब क्या मुकाम आता है

देखते हैं अब क्या मुकाम आता है हुज़ूर, सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से..

तेरे पास जो हैं

तेरे पास जो हैं उसकी क़द्र कर औऱ सब्र कर दीवाने, यहाँ तो आसमां के पास भी, खुद की जमीं नहीं हैं…..

मिल सके आसानी से

मिल सके आसानी से , उसकी ख्वाहिश किसे है? ज़िद तो उसकी है … जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं!!

रौशनी में कुछ कमी

रौशनी में कुछ कमी रह जाये तो बता देना..दिल आज भी हाज़िर है, जलने को…

देखी है बेरुखी की…

देखी है बेरुखी की… आज हम ने इन्तेहाँ, हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए.।

हुस्न वाले जब

हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का..! बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम..!!

हमारे बगैर भी

हमारे बगैर भी आबाद थीं महफिलें उनकी. और हम समझते थे कि उनकी रौनकें हम से है…..!!!!

प्यार करता हूँ

प्यार करता हूँ मैं तुमसे, खुद से ज्यादा, हद से ज्यादा..

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