पूछ रही है

पूछ रही है आज मेरी शायरियाँ मुझसे, कहाँ उड़ गये वो परिंदे जो वाह वाह किया करते थे!

आओ मिल कर

आओ मिल कर करे वफ़ा रोशन, मैं सुलगता हूँ, तुम हवा दो….!!

खुला रखा था

खुला रखा था हर एक के लिये दिल का दरवाज़ा… कुछ लौगौ ने इसे बाज़ार बना दिया….

इतना न याद आया

इतना न याद आया करो के रात भर सो न सकें, सुबह को सुर्ख आँखों का सबब पूछते हैं लोग !

रूबरू होने की

रूबरू होने की तो छोड़िये, लोग गुफ़्तगू से भी क़तराने लगे हैं…… ग़ुरूर ओढ़े हैं रिश्ते, अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं..

मुझे तुझको चाहने के

मुझे तुझको चाहने के लिए जरूरी नही तुम सामने रहो हर पल…सुनों एक ख्याल ही काफी है तुम्हारा

वैसे जिंदगी के

वैसे जिंदगी के हाथ तो नहीं होते लेकिन, कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती है जो पूरी उम्र याद रहता है !!

जिससे प्यार करो

जिससे प्यार करो ,उसे अगर पा लिया जाये तो इसे किस्मत कहते है, और जो किस्मत में नही है फिर भी उसी से प्यार करो तो इसे मोहब्बत कहते है…..!!!

सबने खरीदा सोना

सबने खरीदा सोना, मैने एक सुई खरीद ली, सपनों को बुनने जितनी डोरी खरीद ली। शौक- ए- जिन्दगी कुछ कम किये, फिर सस्ते में ही सुकून-ए-जिन्दगी खरीद ली।।

मेरे यूँ चुप रहने से

मेरे यूँ चुप रहने से नाराज ना हो जाना कभी, दिल से चाहने वाले तो अकसर खामोश ही रहते है…

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