रिश्तों की कोई और किताब

मुझे सीखाओ ना रिश्तों की कोई और किताब! पढीं है…..बाप के चहरे की….. झुर्रियां मैने…

नाज़ुक मिजाज है

नाज़ुक मिजाज है वो परी कुछ इस कदर.. पायल जो पहनी पाँव मै तो छम-छम से डर गई..

तू बेवफ़ा है

सुनो जान… तू बेवफ़ा है तो इक बुरी ख़बर सुन ले कि इंतज़ार मेरा दूसरा भी करता है|सुनो जान… तू बेवफ़ा है तो इक बुरी ख़बर सुन ले कि इंतज़ार मेरा दूसरा भी करता है|

तुमने शिकायतें चुनी

तुमने शिकायतें चुनी, हमने आशिक़ी।

प्यार वो नहीं

प्यार वो नहीं जो कोई कर रहा है, प्यार वो है जो कोई निभा रहा है …

मुझको ढूंढ लेता है

मुझको ढूंढ लेता है रोज़ नये बहाने से……. दर्द हो गया है वाक़िफ़ मेरे हर ठिकाने से..!!

किसी को इस तरह भी

किसी को इस तरह भी न चाहो कि कभी खुद को देखो तो तरस खा जाओ|

फिर याद बहुत आयेगी

फिर याद बहुत आयेगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा|

हमेशा नहीं रहते

हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे मुखौटो में ….!!! हर एक किरदार खुलता है कहानी ख़तम होने पर….!!

मुझे काटती है

हमदर्दियाँ ज़नाब मुझे काटती है अब,यूँ खामख़्वाह मिज़ाज़ ना पुछा करें|

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