सन्नाटे में बैठी है

सन्नाटे में बैठी है दुपहरी…. धूप के किस्से किसी ने सुने ही नही|

छांव में लगाने का शोक है

जिन्हें अपनी गाड़ियां छांव में लगाने का शोक है, उन्हें पेड़ पौधे लगाने का भी शौक होना चाहिए।

कागज़ों पे लिख कर

कागज़ों पे लिख कर ज़ाया कर दूं मै वो शख़्स नही वो शायर हुँ जिसे दिलों पे लिखने का हुनर आता है|

इक तरफ़ा इश्क़

इक तरफ़ा इश्क़ का अपना ही है मज़ा अपना ही गुनाह है अपनी ही सज़ा|

उसका चेहरा जो

उसका चेहरा जो मेरी आँखों में आबाद हो गया मैने उसे इतना पढ़ा कि मुझे याद हो गया |

उसका वादा भी

उसका वादा भी अजीब था..कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे, मैंने भी ये नहीं पुछा कीमोहब्बत के साथ या यादों के साथ..!!

सांस थम जाती है

सांस थम जाती है पर जान नहीं जाती दर्द होता है पर आवाज़ नहीं आती अज़ीब लोग है इस ज़माने में कोई भूल नहीं पता और किसी को याद नहीं आती

खुदा हो तुम

क्या बतायें,.. हमारी निगाह में क्या हो तुम खुदा का डर है वरना कह दूँ की खुदा हो तुम |

खुदगर्ज हो गया हूँ मैं

खुदगर्ज हो गया हूँ मैं तम्हारे प्यार में बहुत तक़लीफ़ देता है तेरा किसी और से मिलना भी|

बताते हुए घबराते हैं

बात सबको ये , बताते हुए घबराते हैं .. तेरे ही ख्व़ाब में हम, तुझसे ही शरमाते हैं |

Exit mobile version