मुँह फेर कर बैठे हो यूं बेरुखी से.. पल ही बीता हैं पर लगा रहा है सदियों सा..!!
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एक मुनासिब सा नाम
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा…..!! रोज जिदंगी पूछती हैं रिश्ता तेरा मेरा….!!
उसके चले जाने के बाद
:उसके चले जाने के बाद हम मोहब्बत नहीं करते किसी से, छोटी सी जिन्दगी है किस किस को अजमाते रहेंगे
क्या क्या रंग दिखाती है
क्या क्या रंग दिखाती है जिंदगी क्या खूब इक्तेफ़ाक होता है, प्यार में ऊम्र नहीँ होती पर हर ऊम्र में प्यार होता है..
कभी बेपनाह बरसी
कभी बेपनाह बरसी , तो कभी गुम सी है ये बारिशें भी कुछ तुम सी है
मँज़िलें बड़ी ज़िद्दी होती हैँ
मँज़िलें बड़ी ज़िद्दी होती हैँ , हासिल कहाँ नसीब से होती हैं ! मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं , जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैं !
अब ना करूँगा
अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने, दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यूँ करना…!!!
बड़ी मुश्किल से
बड़ी मुश्किल से सीखी थी बेईमानी हमने सब बेकार हो गयी, अभी तो पूरी तरह सीख भी ना पाए थे की सरकारें ईमानदार हो गयी..
काफ़िर है तो शमशीर पे
काफ़िर है तो शमशीर पे करता है भरोसा, मोमिन है तो बे-तेग़ भी लड़ता है सिपाही…
उम्र भर कुछ ख़्वाब दिल पर
उम्र भर कुछ ख़्वाब दिल पर दस्तकें देते रहे, हम कि मजबूर-ए-वफ़ा थे आहटें सुनते रहे…