चलो तोड़ते हैं आज मोहब्बत के सारे के उसूल अपने, अब से बेवफाई और दगाबाज़ी दोनों हम करेंगे!
Tag: व्यंग्य
किस्से बहुत से
यूँ तो मशहूर हैं अधूरी मोहब्बत के, किस्से बहुत से…!! मुझे अपनी मोहब्बत पूरी करके, नई कहानी लिखनी
उन रिश्तों को भी
सफ़र-ए-ज़िन्दगी में इक तेरे साथ की ख़ातिर..!! उन रिश्तों को भी नज़रअंदाज़ किया जो हासिल थे..!!
मुझे सजा मिली
ज़िन्दगी मिली भी तो क्या मिली, बन के बेवफा मिली….. इतने तो मेरे गुनाह भी ना थे, जितनी मुझे सजा मिली..
जो हासिल थे
सफ़र-ए-ज़िन्दगी में इक तेरे साथ की ख़ातिर..!! उन रिश्तों को भी नज़रअंदाज़ किया जो हासिल थे..!!
दिल में दर्द था
आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया… दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
मन करता है
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, कि धुल जाए स्याही, ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का मन करता है कभी- कभी।।
किसी और दुनियाँ में
मोहब्बत ख़ूबसूरत होगी किसी और दुनियाँ में, . . . इधर तो हम पर जो गुज़री है हम ही जानते हैं…
जीतना सीख लो
जिंदगी जख्मो से भरी हैं वक़्त को मरहम बनाना सीख लो , हारना तो मौत के सामने फिलहाल जिंदगी से जीतना सीख लो…
मुस्कुराहटों के पहरे
जख्म तो हम भी अपने दिल पर तुमसे भी गहरे रखते हैं,… पर हम अपने जख्मों पर मुस्कुराहटों के पहरे रखते है..!!