दिल के टूट जाने पर भी हँसना, शायद “जिन्दादिली” इसी को कहते हैं। ठोकर लगने पर भी मंजिल के लिए भटकना, शायद “तलाश” इसी को कहते हैं। सूने खंडहर में भी बिना तेल के दिये जलाना, शायद “उम्मीद” इसी को कहते हैं। टूट कर चाहने पर भी उसे न पा सकना, शायद “चाहत” इसी को… Continue reading जिन्दगी इसी को
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मीठे बोल बोलिये
मीठे बोल बोलिये क्यों की अल्फाजो में जान होती है इन्ही से आरती अरदास और अजान होती है दिल के समंदर के वो मोती है जिनसे इंसान की पहचान होती है मेरी झोली में कुछ अल्फाज अपनी दुआओ के ड़ाल दे ऐ दोस्त क्या पता तेरे लब हिले और मेरी तकदीर संवर जाय मेरी प्रार्थना… Continue reading मीठे बोल बोलिये
जो बोलते हैं
जो बोलते हैं उसके बारे में सोचिऐ, ना की… जो सोचते है उसे बोले…
हम कैसे जिए हैं
ज़िंदगी हम कैसे जिए हैं ये जरूरी है ना की ये, कि ज़िंदगी हम कितनी जिए|
मैनें खुदा से कहा
मैनें खुदा से कहा की मुझे सब कुछ दो जिंदगी के मज़़े लेने के लिए, खुदा ने हँस कर कहा मैनें तुम्हें जिंदगी दी है मज़े लेने के लिए|
गलती करने की इज़ाजत
मुझे एक गलती करने की इज़ाजत हो अगर तो… मैँ तुम से दोबारा मोहब्बत करना चाहता हूँ.!
सुंदर कच्चे घर
अब कहाँ रह गए सुंदर कच्चे घर, कहाँ रह गए वह सौंधी खुश्बू… जो आती थी उस घर में, जब लीपा जाता था गोबर !!
हल निकलेगा
कोशिश कर, हल निकलेगा आज नही तो, कल निकलेगा। अर्जुन के तीर सा सध, मरूस्थल से भी जल निकलेगा। मेहनत कर, पौधो को पानी दे, बंजर जमीन से भी फल निकलेगा। ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे, फौलाद का भी बल निकलेगा। जिन्दा रख, दिल में उम्मीदों को, गरल के समन्दर से भी गंगाजल निकलेगा।… Continue reading हल निकलेगा
असर और कहीं था
बिस्तर पे सिमट आये थे सहमे हुए बच्चे, माँ-बाप में झगड़ा था असर और कहीं था…
हथेली छोटी थी
पहले भी हथेली छोटी थी, अब भी ये हथेली छोटी है… कल इससे शक्कर गिर जाती थी, अब इससे दवा गिर जाती है !!