आइना है ये जिंदगी

आइना है ये जिंदगी मेरे दोस्त ! तू मुस्कुरा जिंदगी भी मुस्कुरा देगी|

बादशाह तब बनुगाँ

शायरी का बादशाह तब बनुगाँ मैं जिसके लिए लिखता हुँ वो शक्स खुद आकर कहे:- ” वा शायर बापु गजब”

मरने के बाद भी

लड़कियों से क्या दोस्ती करना , जो पल भर में छोड़ जाती है , दोस्ती करनी है तो लड़को से करो , जो मरने के बाद भी कंधे पे ले जाते है |

हम तो मरेंगे

हम तो मरेंगे भी उस अंदाज से, जिस अंदाज में लोग जीने को तरसते हे……

हर रिश्ते का नाम

हर रिश्ते का नाम जरूरी नहीं होता, मेरे दोस्त……. कुछ बेनाम रिश्ते, रुकी जिंदगी को साँस देते है…

ये सोच हमेशा

ये सोच हमेशा कायम रखना दोस्तों राह चलती अकेली लड़की मौका नहीं एक जिम्मेदारी है

kahridar mat bano

Dosti bikti nahi kahridar mat bano Jindngi jiye Dossto ke naam Subah bano unki shyam mat bano

लोग ही बिछड़ गए

“क्या लिखूँ , अपनी जिंदगी के बारे में. दोस्तों. वो लोग ही बिछड़ गए. ‘जो जिंदगी हुआ करते थे !!

kon si manzil

Har ek pao mujhe rondhta hua nikla…… Na jane kon si manzil ka raasta hu me….!!!!!

Wo Pooche Agar

Hamari Be-khudi ka Haal Wo Pooche Agar… . To kahna’ Hosh Bas Itna hai k Tumko Yaad karte hai..

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