जल जाते है मेरे अंदाज से मेरे दुश्मन…. क्योंकि एक मुद्दत से मैंने न प्यार बदला और न दोस्त…
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अंदाज़ ऐ मोहब्बत
अंदाज़ ऐ मोहब्बत है बड़ा नटखट सा उन का… बांहों में गिर कर कहते हैं सम्भालो हम को….
मैं अपनी चाहतों
मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे …
जब भी दर्द दिया
उसे पता था कि उसकी हसी मुझे पसन्द है.. इस्लिये उसने जब भी दर्द दिया मुस्कुराकर दिया..!!
बेमोल मुस्कुराते हुए..
सब ढूंढ़ते रहे मुझमें….मुनाफे की वजह… करता रहा सौदे मैं ,बेमोल मुस्कुराते हुए…!!
हर तरह का वक़्त
जो उड़ते हैं अहम के आसमानों में जमीं पर आने में, वक़्त नहीं लगता… हर तरह का वक़्त आता है ज़िंदगी में वक़्त के गुज़रने में, वक़्त नहीं लगता…
मुहब्बत है रोशनी
जला रहा हूँ खुद अपने लहू से दिल के चराग़, ना जाने कितनी मुहब्बत है रोशनी से मुझे…
जलाने के लिए
सूखे पत्ते की तरह बिखरे थे ए दोस्त, किसी ने समेटा भी तो जलाने के लिए !
घोंसले की फिक्र
घोंसले की फिक्र नें कैदी बनाकर रख दिया.. पंख सलामत थे मेरे पर मैं उड़ न सका..
जिंदगी उलझी पड़ी है
मैं भूला नहीं हूँ किसी को… मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ……… बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है ….. 2 वक़्त की रोटी ढूंढने में। ….