कागज़ों पे उतरती हैं

कुछ तो मन और आँखों में पलती हैं कहानियाँ सब कहाँ कागज़ों पे उतरती हैं…

MANZIL BHI USKI

MANZIL BHI USKI THEE,RASTA BHI USKA THAA, EK MEIN AKELA THAA, KAFILA BHI USKA THAA. SAATH-SAATH CHALNE KI SOOCH BHI USKI THEE, PHIR RASTA BADALNE KA KHAYAL BHI USKA THAA, AAJ DIL YEH SAWAAL KARTA HAI,LOOG TO USKE THEEY KYA KHUDA BHI USKA THAA

कसा हुआ हैं

कसा हुआ हैं तीर हुस्न का ज़रा संभलके रहियेगा, नज़र नज़र को मारेगी तो क़ातिल हमें ना कहियेगा…….

दिन काटना है

किसी के पास कुल्हाड़ी है क्या ? दिन काटना है ….

चढ़ती रहें चादरें

इस बार की सर्दियों में ऐसा न होने पाए … चढ़ती रहें चादरें मज़ार पर और बाहर बैठा फ़क़ीर ठंड से मर जाए …!!

अपनी खुशियों की

अपनी खुशियों की चाबी किसी को न देना… लोग अक्सर दूसरों का सामान खो देते हैं…

मैं खुद भी

मैं खुद भी अपने लिए अजनबी हूं … मुझे गैर कहने वाले तेरी बात मे दम है…

झूठ बोलते है वो

झूठ बोलते है वो… जो कहते हैं, हम सब मिट्टी से बने हैं मैं कईं अपनों से वाक़िफ़ हूँ जो पत्थर के बने हैं

आज मैं भेज

आज मैं भेज रहा हूँ एक सबसे ज्यादा गहराई वाला शेर भेज रहा हूँ अगर पसन्द आये तो शाबाशी अवश्य दीजियेगा ऐ ख़ुदा हिन्दोस्ताँ को बख़्श ऐसे आदमी जिनके सर में मग़ज़ हो और मग़ज़ में ताबिन्दगी  

माला की तारीफ़

माला की तारीफ़ तो करते हैं सब, क्योंकि मोती सबको दिखाई देते हैं.. काबिले तारीफ़ धागा है जनाब जिसने सब को जोड़ रखा है.

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