पहना रहे हो क्यूँ मुझे तुम काँच का लिबास, . क्या बच गया है फिर कोई पत्थर तुम्हारे पास…
Tag: कविता
जिस दिन सादगी
जिस दिन सादगी, श्रुंगार हो जाएगी… उस दिन, आईनों की हार हो जाएगी..!!
जिस दिन सादगी
जिस दिन सादगी, श्रुंगार हो जाएगी… उस दिन, आईनों की हार हो जाएगी..!!
जलता रहा चिराग
जलता रहा चिराग तेरे इंतजार मे … तुम आये भी तो हवा बनकर
उन्हें ठहरे समुंदर ने
उन्हें ठहरे समुंदर ने डुबोया जिन्हें तूफ़ाँ का अंदाज़ा बहुत था |
हम हो गए तुम्हारे
हम हो गए तुम्हारे, तुम्हें सोचने के बाद; अब न देखेंगे किसी को, तुम्हें देखने के बाद; दुनिया छोड़ देंगे, तुम्हें छोड़ने के बाद;खुदा! माफ़ करे इतने झूठ बोलने के बाद!
उन लम्हों की
उन लम्हों की यादें ज़रा संभाल के रखना जो हमने साथ बिताये थे क्यों की हम याद तो आयेंगे मगर लौट कर नहीं !
दिल के दरवाज़े पे
दिल के दरवाज़े पे दस्तक हो रही हैं आज फिर एक याद सता रही हैं दिल की गहरयों मे झाँक के देख.. परदेस मे आज फिर तेरी याद आ रही हैं|
जीना चाहते हैं
जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती! मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती! बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से! उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!
रात हुई जब
रात हुई जब शाम के बाद! तेरी याद आई हर बात के बाद! हमने खामोश रहकर भी देखा! तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद!