अच्छा है तुम्हारा दिल

अच्छा है तुम्हारा दिल, खवाबो से मान जाता है.. . कम्बक्त हमारा दिल है की रूबरू होने को तड़पता है….

ठोकरे खाकर भी

ठोकरे खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब..,,, राह के पत्थर तो अपना फ़र्ज़ अदा करते है…

हमने भी जी है

हमने भी जी है जिंदगी यारों, इश्क़ होने से इश्क़ खोने तक…!!

पिला दे आज खोल के

पिला दे आज खोल के सारे मयखाने की बोतलें.. अगर गम-ए-यार भूल गये, तो तेरा मयखाना ही खरीद लूँगा।

नसीबो में नहीं

नसीबो में नहीं जिनके कमाने और खाने मुझे उनके गुजारे अजीब लगे |

जमीन जल चुकी है

जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है, दरख्तों तुम्हारा इम्तहान बाकी है…! वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं, उन्हीं की आँखों में अब तक ईमान बाकी है..!! बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर, किसी का मकान गिरवी है और किसी का लगान बाकी है…!!!

कलम रखना सीख लिया है

हमने भी कलम रखना सीख लिया है, यारों! जिस दिन वो कहेगी, ‘मुझे तुमसे मोहब्बत है’, दस्तख़त करवा लूँगा.!!

कई रिश्तों को

कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही निकला, जरूरत ही सब कुछ है, महोब्बत कुछ नहीं….

ज़माना बहुत तेज़ चलता है

ज़माना बहुत तेज़ चलता है साहेब… मैं एक दिन कुछ ना लिखूँ…लोग मुझे भूलने लगते हैं|

यहाँ हर कोई रखता है

यहाँ हर कोई रखता है, खबर गैरो के गुनाहों की… अजब फितरत हैं, कोई आइना रखता ही नही…..

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