बहुत करवाती है

बहुत करवाती है इन्तजार वो और जब मिलने का समय आता है खफा हो जाती है

बहा के आंसू

बहा के आंसू कल रात माँगा था उसे मगर अफ़सोस फरिश्तो ने कहा शर्त-ए-कबुलियत ये है की दुआ दोनों तरफ से हो

कहने को तो

कहने को तो तुम कुछ भी कहती रहो .. !! मगर भीगी पलकों से जाहिर है, कि भूली तुम भी नहीं हो..||

तलाश-ए-यार में

तलाश-ए-यार में उड़ता हुआ ग़ुबार हूँ मैं …!! पड़ी है लाश मेरी और क़ब्र से फ़रार हू मैं …!

किसी ने पूछा

किसी ने पूछा तुम्हारी सबसे बड़ी “गलतफहमी” क्या थी… मैँने हँसकर कहा की उस पर विशवास करना।

हर शाम उड़ते परिंदों को

हर शाम उड़ते परिंदों को देखकर दिल से ये दुआ निकलती है, कि घर किसीका न उजड़े ज़िन्दगी तलाश करते-करते !!

बिछड़ते वक़्त मेरे ऐब गिनाये

बिछड़ते वक़्त मेरे ऐब गिनाये उसने… सोचता हूँ जब मिला था तब कौन सा हुनर था मुझमें…

सका लाखों का श्रंगार

सका लाखों का श्रंगार भी कम पड जाता है|| मेरे नाम के एक चुटकी सिंदूर के आगे||

सुलझे-सुलझे बालों वाली

सुलझे-सुलझे बालों वाली लड़की से कोई पूछे तो, . . उलझा-उलझा रहने वाला लड़का कैसा लगता है.!!

मै बिक जाऊँगा

मै बिक जाऊँगा बस तुम खरीद लेना, सुना है, बेवफाओ के शहर में थोक के भाव मोहब्बत नीलाम होती है|

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