” मैं ” पसंद तो बहुत हूँ सबको,..पर…… जब उनको मेरी ज़रुरत होती हैं तब..!!
Tag: शायरी
होटल वाले ने जब पूछा चाय के साथ क्या लोगे
होटल वाले ने जब पूछा चाय के साथ क्या लोगे, तब मन से एक ही अलफाज निकला, पुराने दोस्त दे सकते हो क्या….
कंद-मूल खाने वालों से
कंद-मूल खाने वालों से मांसाहारी डरते थे।। पोरस जैसे शूर-वीर को नमन ‘सिकंदर’ करते थे॥ चौदह वर्षों तक खूंखारी वन में जिसका धाम था।। मन-मन्दिर में बसने वाला शाकाहारी राम था।। चाहते तो खा सकते थे वो मांस पशु के ढेरो में।। लेकिन उनको प्यार मिला ‘ शबरी’ के जूठे बेरो में॥ चक्र सुदर्शन धारी… Continue reading कंद-मूल खाने वालों से
Brothers and sisters
Brothers and sisters are as close as hands and feet.
पलकों में कैद कुछ सपने हैं
पलकों में कैद कुछ सपने हैं , कुछ बेगाने और कुछ अपने हैं , ना जाने क्या कशिश है इन ख्यालों में , कुछ लोग दूर हो भी अपने हैं .
A lack of transparency results
A lack of transparency results in distrust and a deep sense of insecurity.
“It’s hard to forget someone
“It’s hard to forget someone, who gave you so much to remember”
Work isn’t to make money
Work isn’t to make money,you work to justify life
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की, लेकिन खुशियाँ बेवकूफियों से ही मिलेगी
मोहब्बत तो तलब की राह
मोहब्बत तो तलब की राह में इक ऐसी ठोकर है के जिस से ज़िंदगी की रेत में ज़मज़म उबलते है