सारी महफ़िल लगी हुई थी

सारी महफ़िल लगी हुई थी हुस्न ए यार की तारीफ़ में, हम चुप बैठे थे क्यूंकि हम तो उनकी सादगी पर मरते है !!

यहाँ से ढूंढ़ कर ले जाये

यहाँ से ढूंढ़ कर ले जाये कोई तो मुझ को , जहाँ मैं ढूंढने निकला था बेख़ुदी में तुझे…!

कतरा कतरा मेरे

कतरा कतरा मेरे हलक को तर करती है मेरी रग रग में तेरी मुहब्बत सफर करती है…

तेरा धोखा नही था..!!

मुह फेरना क्या तेरा धोखा नही था..!! मिलना बिछड़ना तो मुकद्दर की बात थी…!!

ऐसे कोई जाता है

ऐसे कोई जाता है क्या…. थोड़े-से तुम मेरे पास रह गए… थोड़ी सी मैं तुम्हारे संग आ गई..

मन्नत के धागे

मन्नत के धागे की तरह बाँधा है तुझे, रब करे ये गाँठे ता-उम्र ना खुल पाये !

मैं कीमती बहुत हूँ

मैं कीमती बहुत हूँ, तुम मुझे खो कर तो देखो|

कब आ रहे हो

कब आ रहे हो मुलाकात के लिये. हमने चाँद रोका है एक रात के लिय|

हमें मालूम है

हमें मालूम है हम से सुनो महशर में क्या होगासब उस को देखते होंगे वो हम को देखता होगा।।

कुछ नहीं मिलता

कुछ नहीं मिलता दुनिया में मेहनत के बगैर.. मेरा अपना साया भी धूप में आने से मिला…!

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