कभी तो अपने लहज़े से तुम भी साबित कर दो, कि मोहब्बत तुम भी हमसे लाजवाब करते हो!
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मैं चलता रहा
मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते थे, फिर भी मैं चलता रहा, क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे…
तेरी याद से
तेरी याद से होती है मेरे दिन की शुरूआत … फिर कैसे मैं कह दूँ कि मेरा दिन खराब है…॥
नफरत हो जाएगी
नफरत हो जाएगी तुझे तेरे ही किरदार से, गर तुझसे मैं तेरे ही अंदाज में बात करूँ…॥
मुझे छोड़ दो
मुझे छोड़ दो मेरे हाल पर यारों, ज़िंदा हूँ बस इतना ही काफी है…॥
वहम किया ना करो
सुनो मेरी जान तुम यू वहम किया ना करो, ये दिल कोई खिलौना तो नहीं जो मैं हर किसी को दे दूँ…॥
जो निभाते हैं
मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है, और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पेघाम हैं, “वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो, वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो
लोगों का बसेरा
अजीब लोगों का बसेरा है तेरे शहर में… गुरूर में मिट जाते हैं मगर, याद नहीं करते…!
यादों की बारिश
हमने भी मुआवज़े की अर्जी डाली है साहिब…. उनकी यादों की बारिश ने खूब तबाह किया है भीतर तक…
हीरे की तरह
मैंने हीरे की तरह उसको तराशा तो बहुत___! मगर, वो जात का पत्थर था, पत्थर ही रहा