शिकायत तुम्हे वक्त से

शिकायत तुम्हे वक्त से नहीं खुद से होगी, कि मुहब्बत सामने थी, और तुम दुनिया में उलझी रही

मत कहो लुट जाओगे

दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत

सुबह हो जाती है

रात होते ही,तेरे ख़यालों की सुबह हो जाती है|

सुरमा सहा ना जाए

काजल लागे किरकरो,और सुरमा सहा ना जाए । जिन नैनां में तू बसे, दूजा कौन समाये…

मुझे वैसा बना दे

तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ… बस.. मुझे वैसा बना दे जैसा तू चाहती है…..

कभी कभी हम

धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा है… लोग भी…रिश्ते भी…और कभी कभी हम खुद भी….

इस दौर के

हमने दिया है, लहू उजालों को, हमारा क़र्ज़ है इस दौर के सवेरों पर

सूरज बना चुका हूं

मत दो मुझे खैरात उजालों की…… अब खुद को सूरज बना चुका हूं मैं..

ज़ख्मों को सीने में

हँसी यूँ ही नहीं आई है इस ख़ामोश चेहरे पर….. कई ज़ख्मों को सीने में दबाकर रख दिया हमने !

जमानत मिल गई

हजारो अश्क मेरे आँखो की हिरासत में थे फिर तेरी याद आई और उन्हें जमानत मिल गई

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