तू बिल्कुल चिलम सी कड़क और मैं बिल्कुल धुँआ धुँआ सा…
Tag: वक्त शायरी
शिकायतें बचा कर
शिकायतें बचा कर रखिये,मोहब्बत अभी बाकी है।
आरजू है कि एक बस तू
आरजू है कि एक बस तू हो या तेरा अहसास हो… गर दोनो ना हो तो ना मै रहूँ ना मेरा अहसास हो..
कमबख्त बिकता भी नहीं.
किसी टूटे हुए मकान की तरह हो गया हैं ये दिल, कोई रहता भी नहीं और कमबख्त बिकता भी नहीं.
तुम थक तो नहीं जाओगे
तुम थक तो नहीं जाओगे इन्तजार में तब तक .? मैं मांग के आऊं खुदा से तुमको जब तक ..
सुकुन और एक तुम
एक तो सुकुन और एक तुम, कहाँ रहते हो आजकल ?? मिलते ही नही
आँख भर आयीं तुम्हारी ..
आँख भर आयीं तुम्हारी .. क्यों मुझे देख कर …. भला पत्थर भी रोते हैं कभी शीशे के ज़ख़्मों पर
सजदों में भीगती है
सजदों में भीगती है जिनकी आखे वो लोग छोटी बातो पर रोया नहीं करते |
इंसान बनने की फुर्सत
इंसान बनने की फुर्सत ही नहीं मिलती, आदमी मसरूफ है इतना, ख़ुदा बनने में…
हुस्न भी तेरा
हुस्न भी तेरा, अदाएं भी तेरी, नखरे भी तेरे, शोखियाँ भी तेरी, कम से कम इश्क़ तो मेरा रहने दे…