तू मोहब्बत से कोई चाल तो चल…… हार जाने का हौसला है मुझे !
Tag: याद
ज्यादा सफाई ना दे
खतावार समझेगी दुनिया तुझे .. अब इतनी भी ज्यादा सफाई ना दे
सो जाता है
जिस्म फिर भी थक हार कर सो जाता है …. ज़हन का भी कोई बिस्तर होना चाहिए …
चीर के ज़मीन को
चीर के ज़मीन को मैं उम्मीदें बोता हूँ मैं किसान हूं चैन से कहाँ सोता हूँ
कोई घर नहीं
इस शहर में मजदूर जैसा दर बदर कोई नहीं सैंकड़ों घर बना दिये पर उसका कोई घर नहीं|
किताबों का बस फ़लसफ़ा
वो सर को झुकाना ऑ तस्लीम कहना, किताबों का बस फ़लसफ़ा होगये हैं!
मजदूर का बदन
हनत करते थकता नहीं मजदूर का बदन, और अमीर नोट भी गिनते है तो मशीन लगाकर…
महफ़िलों में भी
ताल्लुकात बढ़ाने हैं तो कुछ आदतें बुरी भी सीख लो.. ऐब न हों.. तो लोग महफ़िलों में भी नहीं बुलाते…!
नुक्स निकल आता है
मरम्मतें खुद की रोज़ करता हूँ, रोज़ मेरे अंदर एक नुक्स निकल आता है !!
तेरा मुकाम क्या होगा
तेरी याद इलाज -ए- ग़म है, सोंच तेरा मुकाम क्या होगा!