लहजे बताते है..

हर शख्श नहीं होता अपने चेहरे की तरह, हर इंसान की हकिकत उसके लहजे बताते है..

फिर मत कहना

रखा करो नजदीकियां, ज़िन्दगी का कुछ भरोसा नहीं. . . . फिर मत कहना चले भी गए… और बताया भी नहीं. . . !

ज़मीं से चाँद तलक

तुम्हारी बज़्म से निकले तो हम ने ये सोचा ज़मीं से चाँद तलक कितना फ़ासला होगा

घंटों बातें करके भी

खतों से मीलों सफर करते थे जज़्बात कभी, अब घंटों बातें करके भी दिल नहीं मिलते…!

तेरे शहर में

तेरे शहर में आने को हर कोई तरसता है लेकिन वो क्या जाने वहां कोई नही पहुँचता है जो पहुँचता है वो तुझसा ही होकर कोई खुद सा वहां कब पहुँचता है ये तो कुछ शब्दों का भ्रम जाल है इन मंदिर में रखी किताबो का जो हर कोई तुझसे मिलने को तरसता है खुल… Continue reading तेरे शहर में

बड़ी मुसीबत आने पर

क़ाबिलियत, ताक़त को ज़िन्दा रखिये….तराशिये…. धूल मत जमने दीजिये…ऐसा करेंगे तो बड़ी से बड़ी मुसीबत आने पर भी ऊँची उड़ान भर पायेंगे

इश्क़ की कीमत

उस को भी हम से मोहब्बत हो ज़रूरी तो नहीं, इश्क़ ही इश्क़ की कीमत हो ज़रूरी तो नहीं।

जिंदा रहने की ख्वाहिश

किसी के अंदर जिंदा रहने की ख्वाहिश में … हम अपने अंदर मर जाते हैं ..

यही कहानी है

आजकल के हर आशिक की अब तो यही कहानी है, मजनू चाहता है लैला को, लैला किसी और की दीवानी है..

तुम्हारी बेरुखी भी

कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा.., जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार भी करे…!!

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