उम्र ही इतनी थी

मत हो उदास इतना किसी के लिए….. . ए दिल किसी के लिए जान भी दे देगा तो लोग कहेंगे इसकी उम्र ही इतनी थी

बस कुछ जरूरत

जानवर ने नहीं जने.. कभी किसी इंसान को यहां, बस कुछ जरूरत ने बनाया है.. इंसान को जानवर..

ज़िन्दगी बहुत भगाती है

दौड़ने दो खुले मैदानों में नन्हे कदमों को साहब, ज़िन्दगी बहुत भगाती है बचपन गुजर जाने के बाद..

जिसकी बंदगी से

मेरा खुदा एक ही है…. जिसकी बंदगी से मुझे सकून मिला भटक गया था मै…. जो हर चौखट पर सर झुकाने लगा..

आशिक़ी बंदगी न हो

अपनी ख़ू-ए-वफ़ा से डरता हूँ आशिक़ी बंदगी न हो जाए!

तू उम्मीद है मेरी

ख़ुशी दे, या गम दे दे…. मग़र देते रहा कर ,तू उम्मीद है मेरी… तेरी हर चीज़ अच्छी लगती है पगली

अपना रिश्ता है

बेनाम सा रिश्ता यूँ पनपा है फूल से भंवरा ज्यूँ लिपटा है पलके आंखे, दिया और बाती ऐसा ये अपना रिश्ता है.!!!!

अपनी जिद्द बना लो

सुना है तुम ज़िद्दी बहुत हो, मुझे भी अपनी जिद्द बना लो.!!

मुझे चिढ़ाती है

मैं रात बारह-बजे जब भी देखता हूँ घड़ी सूई सूई से लिपटकर मुझे चिढ़ाती है

आंसुओं में वज़न

कौन कहता है कि आंसुओं में वज़न नहीं होता एक भी छलक जाए तो मन हल्का हो जाता है

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