चलते चलते थक कर पूँछा पाँव के ज़ख़्मी छालों ने…. बस्ती कितनी दूर बना ली दिल में बसने वालों ने….
Tag: प्यारी शायरी
कामयाब लोग अपने फैसले से
कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है, और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल देते है।
यूँ ना खींच मुझे
यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के, ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले .!
लगाकर आग दिल में
लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ…. अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा |
जमीर ही आँख
जमीर ही आँख नही मिलाता वरना, चेहरा तोआईने पर टूट पड़ता है….
गम ऐ बेगुनाही
गम ऐ बेगुनाही के मारे है,, हमे ना छेडो.. ज़बान खुलेगी तो,, लफ़्ज़ों से लहू टपकेगा.
उम्मीद से कम
उम्मीद से कम चश्मे खरीदार में आए हम लोग ज़रा देर से बाजार में आए..
संभल के चलने का
संभल के चलने का सारा गुरूर टूट गया एक ऐसी बात कही उसने लड़खड़ाते हुए|
तुझे रात भर
तुझे रात भर ऐसे याद किया मैंने… जैसे सुबह इम्तेहान हो मेरा ।
सवाल ये नहीं
सवाल ये नहीं रफ्तार किसकी कितनी है … सवाल ये है सलीक़े से कौन चलता है…!!!