ये जरूरी तो नहीं

ये जरूरी तो नहीं कि उम्र भर प्यार के मेले हों हो सकता है कभी हम तुम अकेले हों…

बयां नही कर सकता

लिख कर बयां नही कर सकता मैं हर गुफ़्तुगू, कुछ था जो बस नज़रों से नज़रों तक ही रहा..

जिंदा रहने पे

जिंदा रहने पे तवज्जो ना कोई मिल पाई.. कत्ल होके मै, एक शहर के अखबार में हूँ..

मोहब्बत ही में

मोहब्बत ही में मिलते हैं शिकायत के मज़े पैहम, मोहब्बत जितनी बढ़ती है शिकायत होती जाती है !!

आखरी हिचकी तेरे

आखरी हिचकी तेरे पहलू में आये मौत भी मैं शायराना चाहता हूँ…

बेच डाला है

बेच डाला है, दिन का हर लम्हा; रात, थोड़ी बहुत हमारी है!

वो जब पास मेरे होगा

वो जब पास मेरे होगा तो शायद कयामत होगी…., अभी तो उसकी शायरी ने ही तवाही मचा रखी है.

तू अकेला है

तू अकेला है, बंद भी है कमरा, अब तो चेहरा उतार कर रख दे

बाँटने निकला है

बाँटने निकला है वो फूलों के तोहफ़े शहर में, इस ख़बर पर हम ने भी, गुल-दान ख़ाली कर दिया

आया था किस काम से

आया था किस काम से, तू सोया चादर तान। सूरत संभाल ए गाफिल, अपना आप पहचान।।

Exit mobile version