बहुत प्यार आता है

मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर …… वो मुस्करा कर बोले और तुम्हें आता ही क्या है…….

शराफ़त आज भी है

किसी और के दीदार के लिए उठती नहीं ये आँखे, बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफ़त आज भी है|

अनजाने शहर में

अनजाने शहर में अपने मिलते है कहाँ डाली से गिरकर फूल फिर खिलते है कहाँ . . . आसमान को छूने को रोज जो निकला करे पिँजरे में कैद पंछी फिर उड़ते है कहाँ . . . दर्द मिलता है अक्सर अपनो से बिछड़कर टूट कर आईने भला फिर जुड़ते है कहाँ . . .… Continue reading अनजाने शहर में

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