हारने वालो का भी अपना रुतबा होता हैं … मलाल वो करे जो दौड़ में शामिल नही थे. …
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अमीरी जब तक
अमीरी जब तक अपने शौक़ पूरे कर सोती है । मुफ़लिसी जाग जाती है एक और दिन के लिए ।।
राख बेशक हूँ
राख बेशक हूँ मगर मुझ में हरकत है अभी भी.. जिसको जलने की तमन्ना हो..हवा दे मुझको…
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से,कुछ हम सादे सादे से, एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से.
पुरानी होकर भी
पुरानी होकर भी खाश होती जा रही है, मोहब्बत बेशरम है, बेहिसाब होती जा रही है..
कुछ इस क़दर
कुछ इस क़दर दिलशिकन थे मुहब्बत के हादसे। हम ज़िन्दगी से फिर कोई शिकवा न कर सके।।
वो दुआएं काश
वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती, ऐ खुदा.. सुना है कि उनके तो कान होते है!!
एक मुनासिब सा
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम ….. रोज जिदंगी पूछती हैं रिश्ता तेरा मेरा ….
आसान सा रास्ता है
आसान सा रास्ता है बदनाम होने का यारो , ज्यादा कुछ नही फ़कत मोहब्बत कर लो…
मैं अगर खत्म भी हो जाऊँ
मैं अगर खत्म भी हो जाऊँ इस साल की तरह… तुम मेरे बाद भी संवरते रहना नए साल की तरह…!!!