बस के कंडक्टर सी

बस के कंडक्टर सी हो गयी है जिंदगी । सफ़र भी रोज़ का है और जाना भी कही नहीं।…..

जिंदगी तो अपने ही तरीके से

जिंदगी तो अपने ही तरीके से चलती है…. औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं। सुबहे होती है , शाम होती है उम्र यू ही तमाम होती है । कोई रो कर दिल बहलाता है और कोई हँस कर दर्द छुपाता है. क्या करामात है कुदरत की, ज़िंदा इंसान पानी में डूब जाता है… Continue reading जिंदगी तो अपने ही तरीके से

जरा सी बात देर तक रुलाती रही

जरा सी बात देर तक रुलाती रही, खुशी में भी आँखे आँसू बहाती रही, कोइ मिल के खो गया तो कोइ खो के मिल गया, जिन्दगी हमको बस ऐसे ही आजमाती रही|

वो चूड़ी वाले को अपनी कलाई

वो चूड़ी वाले को, अपनी कलाई थमा देती है. . . जिनकी आज तक हम उंगलियाँ न छू सके. .

आपकी गर्दन पर लिपटी आपके

आपकी गर्दन पर लिपटी आपके बच्चों की बाहों से कीमती, जेवर आप कभी नहीं पा सकते..!!!

हर शख्स अपने गम में खोया है

हर शख्स अपने गम में खोया है…..!!! . . . . . . और जिसे गम नहीं, वो कब्र में सोया है…….!!

तरस खाओ तो बस इतना बताओ….

तरस खाओ तो बस इतना बताओ…. “हमदम” वफ़ा नहीं आती या तुम से की नहीं जाती……..

बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है

बुलंदियो को पाने की ख्वाहिश तो बहुत है मगर , दूसरों को रौंदने का हुनर कहां से लाऊं….

उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है

उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है, अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती….!! ?????

जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है

जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है, जो मुसाफिर थे वो रास नहीं आये… जिन्हें चाहा वो साथ नहीं आये।

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