तेरे कूचे में

तेरे कूचे में सब पर फूल बरसे, मगर हम एक पत्थर को भी तरसे।

तुमको खबर न हुई

तुमको खबर न हुई और जलके खाक हुआ, वह दिल जो तेरी मुहब्बत का आशियाना था।

गहराई हो जिनमें

गहराई हो जिनमें जमीनी, वही रिश्ते आसमानी होते हैं।

कुछ तुम कोरे कोरे से

कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!

बस यही सोचकर

बस यही सोचकर ज्यादा शिकवा नहीं किया मैंने, कि अपनी जगह हर कोई इंसान सही होता है…

अचानक चौँक उठे

अचानक चौँक उठे नींद से हम, किसी ने शरारत से कह दिया सुनो, वो मिलने आई है।

जाने वो दिल के ज़ख्म

जाने वो दिल के ज़ख्म हैं या तेरी यादों के फूल, रातों को कोई चीज महकती जरूर है..

इश्क कर लीजिए

इश्क कर लीजिए बेइंतहा किताबों से; एक यही है जो अपनी बातों से पलटा नहीं करती!!

काश तू सुन पाता

काश तू सुन पाता खामोश सिसकियाँ मेरी,,, आवाज़ कर के रोना तो मुझे आज भी नहीं आता!

आप दरिया हैं

आप दरिया हैं तो फिर इस वक्त हम खतरे में हैं…. आप कश्ती हैं तो हमको पार होना चाहिये…

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