हम जिसके साथ वक्त को भूल जाते थे, वो वक्त के साथ हमको भूल गया…!!
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जब भी बाहरी दुनिया से
जब भी बाहरी दुनिया से दुख मिले तो हमारे पास आ जाओ__ इज्जत मुफ्त में और मोहब्बत बेपनाह मिलेगी..!
मोहब्बत ऐसी धडकन हैं
मोहब्बत ऐसी धडकन हैं जो समझाई नही जाती…. ज़ुबां पे दिल की बेचैनी कभी लाई नही जाती….
बन्द कर देता है
बन्द कर देता है “आँखे” अक्ल कि.. ” इश्क” जब वारदात करता है…!!
काफी दिनों से
काफी दिनों से, कोई नया जख्म नहीं मिला; पता तो करो.. “अपने” हैं कहां ?
अलविदा कहने में
अलविदा कहने में उसने जिंदगी का एक पल खोया…. हमने एक पल में पूरी जिंदगी खो दी|
कुछ न कुछ
कुछ न कुछ तो है उदासी का सबब… अब मान भी जाओ की याद आते है..हम…
तुम्हारी बेरुख़ी ने
तुम्हारी बेरुख़ी ने लाज रख ली बादाख़ाने की, तुम आँखों से पिला देते तो पैमाने कहाँ जाते !!
कुछ कहूँ उनसे
कुछ कहूँ उनसे मगर ये ख़्याल होता है…. शिकायतों का नतीज़ा मलाल होता है।।
महफ़िलें सजती होंगी
महफ़िलें सजती होंगी बेशक तुम्हारे दर मगर, महफ़िलों में हम नहीं है,ग़म नहीं है अब मगर…