अपने दिल की

अपने दिल की बात उनसे कह नहीं सकते, बिन कहे भी जी नहीं सकते, ऐ खुदा! ऐसी तकदीर बना, कि वो खुद हम से आकर कहे कि, हम आपके बिना जी नही सकते…

क्यों किसी से

क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है! एक पल का इंतज़ार भी दुश्वार हो जाता है! लगने लगते है अपने भी पराये! और एक अजनबी पर ऐतबार हो जाता है!

भटकते रहे हैं

भटकते रहे हैं बादल की तरह; सीने से लगालो आँचल की तरह; गम के रास्ते पर ना छोड़ना अकेले वरना टूट जाएँगे पायल की तरह।

अक्सर ठहर कर

अक्सर ठहर कर देखता हूँ अपने पैरों के निशांन को,!!! वो भी अधूरे लगते हैं तेरे साथ के बिना…!!!

बहुत शौक है

बहुत शौक है न तुझे बहस का, आ बैठ और बता मोहब्बत क्या है !!

शायद कुछ दिन

शायद कुछ दिन और लगेंगे, ज़ख़्मे-दिल के भरने में, जो अक्सर याद आते थे वो कभी-कभी याद आते हैं।

चाँदनी रातों में

चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह, मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह, गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ, मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह|

कोई सवाल करेगा

कोई सवाल करेगा तो क्या कहूँगा उसे,,बिछड़ने वाले, सबब तो बता जुदाई का

तेरी वफ़ा के खातिर

तेरी वफ़ा के खातिर ज़लील किया तेरे शहर के लोगों ने.. इक तेरी कदर न होती तो तेरा शहर जला देते..

क्या हुनर है

क्या हुनर है तुझमे पगली….हमारे बेग से कोई पेन्सिल ना चुरा पाया और तूने सीने से दिल चुरा लिया..

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