हिचकीयाँ हमनें भी ना
रोकी ये सोच कर कि,
ज़रा देखें कोई किस हद
तक हमें याद करता है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हिचकीयाँ हमनें भी ना
रोकी ये सोच कर कि,
ज़रा देखें कोई किस हद
तक हमें याद करता है..